ओशो की ‘मूल वसीयत’ पेश करने को कहा

दैनिक ट्रिब्यून
पुणे, 16 दिसंबर (भाषा)
पुलिस ने शहर स्थित ओशो आश्रम के प्रशासकों को नोटिस जारी करके उनसे दिवंगत आध्यात्मिक नेता की मूल वसीयत पेश करने के लिए कहा है। पुलिस ने यह कदम ओशो अनुयायियों के एक गुट द्वारा कुछ न्यासियों पर आध्यात्मिक नेता की करोड़ों रुपए की बौद्धिक संपदा से होने वाली आय और अधिकारों को हासिल करने के लिए दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है।
शहर के कोरेगांव पार्क स्थित ओशो इंटरनेशनल मेडिटेशन रिजोर्ट को यह नोटिस 8 दिसंबर को दर्ज करवाई गई एक प्राथमिकी के आधार पर जारी किया गया है। यह प्राथमिकी योगेश ठक्कर उर्फ स्वामी प्रेमगीत ने ओशो शिष्यों के प्रतिद्वंद्वी समूह ओशो फ्रेंड्स फाउंडेशन की ओर से दर्ज करवाई थी।
प्राथमिकी में आश्रम के मौजूदा 6 प्रशासकों पर फर्जी वसीयत तैयार करने का आरोप लगाया गया है। शिकायत के अनुसार 15 अक्तूबर 1989 की इस वसीयत में ओशो के जाली हस्ताक्षर हैं ताकि इस रहस्यमय आध्यात्मिक नेता की बौद्धिक संपदा के अधिकार पर दावा किया जा सके। ओशो का साहित्य दुनिया भर में वितरित होता है। चार दिन पहले जारी किए गए नोटिस में न्यासियों से संबद्ध मूल दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा गया था।