Pune: प्रदर्शनकारियों ने कहा- ओशो आश्रम में प्रवेश की अनुमति नहीं; दावा- यह हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पुणे Published by: वीरेंद्र शर्मा Updated Fri, 20 Jan 2023 12:03 AM IST
अनुयायी ने दावा किया कि ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन (ओआईएफ) प्रबंधन ने उन्हें पुण्यतिथि मनाने के लिए आश्रम में प्रवेश से वंचित कर दिया।
आश्रम की अंदर की जमीन को बेचने के विरोध में कई अनुयायी उतर आए हैं। उन्होंने दावा किया कि गुरुवार को ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन (ओआईएफ) प्रबंधन ने उन्हें पुण्यतिथि मनाने के लिए आश्रम में प्रवेश से वंचित कर दिया।
इन प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि अगर उन्हें ओशो की ‘समाधि’ में प्रवेश करने से मना कर दिया जाता है, वह खुद ‘संन्यास’ में दीक्षा के दौरान दिवंगत फकीर द्वारा स्वयं शिष्यों को दी गई ‘माला’ पहने हुए पाए जाते हैं।
उच्च न्यायालय का एक आदेश है जिसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता या भक्तों के लिए समाधि पर जाने पर कोई रोक नहीं है, और भक्तों को साइट पर जाने की अनुमति देने के लिए एचसी के आदेश को लागू करने में पुलिस सुरक्षा और सहायता मांगने के बावजूद, ओआईएफ प्रबंधन ने इनकार कर दिया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह ओशो इंटरनेशनल फाउंडेशन प्रबंधन द्वारा अदालत की अवमानना थी। हालांकि, उन्होंने कहा कि ओआईएफ प्रबंधन ने आश्रम में प्रवेश देने के लिए कुछ नियम बनाए हैं, जिसमें मैरून वस्त्र पहनना और गेट पास होना शामिल है, जबकि माला की अनुमति नहीं है। ओआईएफ द्वारा पुणे के आश्रम में ओशो के दो भूखंडों की प्रस्तावित बिक्री को लेकर शिष्यों के एक समूह ने बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। बता दें कि ओशो का पुणे में 19 जनवरी 1990 को निधन हो गया था।