Osho Ashram: बैन खत्म, 11 साल बाद गुरु की समाधि का दर्शन कर पाएंगे शिष्य! जानिए कोरेगांव आश्रम का पूरा विवाद

टाइम्स नाउ डिजिटलटाइम्स नाउ डिजिटल Updated Aug 25, 2022 | 10:15 IST
2011 में कुछ शिष्यों को एंटी रिसोर्ट गतिविधियों का आरोप लगाते हुए आश्रम प्रबंधक ने उनकी एंट्री पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद उनलोगों ने बांबे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
मुख्य बातें
पुणे स्थित आश्रम में जमीन की बिक्री को लेकर चल रहा विवाद
घाटे के नाम पर आश्रम की संपत्ति बेचना चाहता है ट्रस्ट- आरोप
जमीन बेचने का शिष्य कर रहे हैं विरोध
पुणे स्थित ओशो का आश्रम एक बार फिर से चर्चाओं में है। कभी अपनी भव्यता को लेकर चर्चा में रहा यह आश्रम अब विवादों का घर बनता जा रहा है। दरअसल कोरोना के समय में खर्चे को लेकर ट्रस्ट का कहना है कि वो घाटे में है, इसके लिए वो आश्रम की कुछ जमीन को बेचना चाहते हैं, वहीं ओशो के शिष्यों का आरोप है कि चंद करोड़ के घाटे के लिए 100 करोड़ की संपत्ति बेची जा रही है, जोकि सही नहीं हैं।
बैन के 11 साल
वहीं आश्रम प्रबंधन ने जिन शिष्यों पर रिसोर्ट गतिविधियों का आरोप लगाते हुए उनके प्रवेश पर बैन लगा दिया था, उन्हें बांबे हाईकोर्ट से बड़ी जीत मिली है। हाईकोर्ट ने इनपर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। अब ये शिष्य अपने गुरु की समाधि का दर्शन कर सकते हैं। पिछले 11 साल से बैन लगे होने के कारण ये दर्शन करने में असमर्थ थे।
क्यों लगा था बैन
दरअसल ओशो के शिष्यों ने आरोप लगाया है कि ट्र्स्ट ओशो आश्रम की जमीन में खेल कर रहा है। तब कुछ शिष्यों ने 56000 स्क्वायर फीट जमीन के ट्रांसफर के खिलाफ बांबे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट ने तब ट्रांसफर पर रोक लगा दी थी। इसी समय आश्रम प्रबंधक ने इन शिष्यों पर आश्रम में घुसने पर बैन लगा दिया गया।